Question
Download Solution PDFनिर्देश: निम्नलिखित वस्तु में दो कथन हैं, एक 'कथन (I)' के रूप में और दूसरा 'कथन (II)' के रूप में चिन्हित है। इन दोनों कथनों का ध्यानपूर्वक जाँच करना है और नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करके इन वस्तुओं के लिए उत्तर का चयन कीजिए:
कथन I: एक LVDT का शून्य वोल्टेज नगण्य मान तक कम नहीं हो सकता है।
कथन II: हॉल प्रभाव ट्रान्सडूसर का प्रयोग प्राथमिक रूप से प्रवाह घनत्व के मापन के लिए किया जाता है।
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFLVDT का शून्य वोल्टेज नगण्य मान तक कम हो सकता है।
हॉल प्रभाव:
जब भी हम एक चुंबकीय क्षेत्र में धारा-वहन करने वाले चालक को रखते हैं, तो चालक निकाय में चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव के कारण आवेश वाहकों का विक्षेपण होता है। इस घटना को हॉल प्रभाव के रूप में जाना जाता है।
मुख्य रूप से लोरेन्ट्स बल हॉल प्रभाव के लिए जिम्मेदार है। जब हम चुंबकीय क्षेत्र के अंदर धारा-वहन चालक को रखते हैं, तो चालक चुंबकीय क्षेत्र की दिशा के आधार पर किसी दिशा में यांत्रिक बल का अनुभव करता है और चालक में धारा की दिशा होती है।
धातु में यह पूर्ण रूप से इलेक्ट्रॉन के प्रवाह के कारण होता है जबकि अर्धचालक में यह मुक्त इलेक्ट्रॉन व छिद्रों के प्रवाह के कारण होता है।
अनुप्रयोग:
हॉल प्रभाव बहुत उपयोगी घटना है और यह निम्न में मदद करता है
- अर्धचालक के प्रकार को निर्धारित करता है।
- वाहक एकाग्रता की गणना करता है।
- गतिशीलता (हॉल गतिशीलता) निर्धारित करता है।
- चुम्बकीय प्रवाह घनत्व मापता है।
कथन I और कथन II दोनों अलग-अलग सत्य है और कथन II कथन I का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
Last updated on May 28, 2025
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