Question
Download Solution PDFशून्य कक्षीय कोणीय संवेग अवस्था में न्यूट्रॉन तथा प्रोटॉन के बीच प्रबल नाभिकीय बल Fnp (r) है, जहां r दोनों के बीच की दूरी है। इसी प्रकार Fnn (r) तथा Fpp (r) शून्य कक्षीय संवेग न्यूट्रॉन तथा प्रोटॉन के युग्मों के मध्य के बल हैं। यदि आंतरी-न्यूक्लियॉन दूरी 0.2 fm
Answer (Detailed Solution Below)
Option 2 : Fnn तथा Fnp सदा आकर्षक है तथा Fpp त्रियक प्रचक्रण अवस्था में प्रतिकर्षी है
Detailed Solution
Download Solution PDFसंप्रत्यय:
नाभिकीय बल:
- नाभिक में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन होते हैं जो दो प्रकार के अंतर-नाभिकीय बलों, अर्थात्, प्रबल और दुर्बल नाभिकीय बल द्वारा बंधे होते हैं। ये दोनों बल परमाणु परास के भीतर अर्थात कुछ fm (1 fm = 10-15 m) के भीतर कार्य करते हैं। नाभिकीय बल हमेशा आकर्षक होता है।
- प्रोटॉन पर धनात्मक आवेश होता है लेकिन न्यूट्रॉन पर कोई आवेश नहीं होता है।
- इसलिए, प्रोटॉन के बीच एक कूलॉमिक प्रतिकर्षी बल भी कार्य करता है।
व्याख्या:
- नाभिक के अंदर न्यूट्रॉन-न्यूट्रॉन और न्यूट्रॉन-प्रोटॉन के बीच अन्योन्यक्रिया
- नाभिकीय बल के कारण हमेशा आकर्षक होती है जबकि प्रोटॉन-प्रोटॉन के बीच बल
- कूलॉमिक अन्योन्यक्रिया के कारण प्रतिकर्षी होता है।
इस प्रकार, Fnn और Fnp हमेशा आकर्षक होते हैं और Fpp प्रतिकर्षी होता है
इसलिए सही उत्तर विकल्प 2 है।