हिन्दी साहित्य का इतिहास MCQ Quiz in বাংলা - Objective Question with Answer for हिन्दी साहित्य का इतिहास - বিনামূল্যে ডাউনলোড করুন [PDF]

Last updated on Apr 12, 2025

পাওয়া हिन्दी साहित्य का इतिहास उत्तरे आणि तपशीलवार उपायांसह एकाधिक निवड प्रश्न (MCQ क्विझ). এই বিনামূল্যে ডাউনলোড করুন हिन्दी साहित्य का इतिहास MCQ কুইজ পিডিএফ এবং আপনার আসন্ন পরীক্ষার জন্য প্রস্তুত করুন যেমন ব্যাঙ্কিং, এসএসসি, রেলওয়ে, ইউপিএসসি, রাজ্য পিএসসি।

Latest हिन्दी साहित्य का इतिहास MCQ Objective Questions

Top हिन्दी साहित्य का इतिहास MCQ Objective Questions

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 1:

अपभ्रंश को ण-ण भाषा किसने कहा?

  1. आचार्या दण्डी
  2. किशोरीदास वाजपेयी
  3. भारत मुनि
  4. डॉ. भोलानाथ तिवारी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : किशोरीदास वाजपेयी

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 1 Detailed Solution

अपभ्रंश को ण-ण भाषा किशोरीदास वाजपेयी ने कहा।

अत: विकल्प 2 सही उत्तर है, अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points

  • किशोरीदास वाजपेयी ने अपभ्रंश को ण-ण भाषा कहा।
  • भाषा के संदर्भ में अपभ्रंश का प्रयोग छठी सताब्ती में शुरुआत में हुआ।
  •  डॉ. भोलानाथ तिवारी के अनुसार भाषा के अर्थ में 'अपभ्रंश' शब्द का प्रथम प्रयोग चण्ड ने अपने 'प्राकृत - लक्षण' ग्रंथ में किया है।
  • 'अपभ्रंश' शब्द का सर्वप्रथम प्रामाणिक प्रयोग पतंजलि के ‘महाभाष्य' में मिलता है। 
  • आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार अपभ्रंश नाम पहले पहल बलभी के राजा धारसेन द्वितीय के शिलालेख में मिलता है।

Additional Information 

  • आचार्या दण्डी के काव्यशास्त्रीय ग्रंथ का नाम काव्यादर्श है।
  • नाट्यशास्त्र भरतमुनि का सबसे प्राचीन ग्रन्थ है।
  • डॉ. भोलानाथ तिवारी हिन्दी के कोशकार, भाषावैज्ञानिक एवं भाषाचिन्तक थे।

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 2:

अपभ्रंश शब्द का सबसे पहले उल्लेख किसने किया?

  1. वररुचि
  2. पतंजलि
  3. स्वयंभू
  4. पाणिनि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : पतंजलि

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 2 Detailed Solution

अपभ्रंश शब्द का सबसे पहले उल्लेख पतंजलि ने किया।

Key Points

  • पतंजलि ने 'अपभ्रंश' शब्द का सबसे पहले उल्लेख अपने ग्रंथ 'महाभाष्य' में किया।
  • अपभ्रंश का अर्थ है- 'भ्रष्ट' या 'पथ से हटी हुई'।

अन्य विकल्प-

रचनाकार रचना
वररुचि प्राकृत-प्रकाश
पतंजलि महाभाष्य
स्वयंभू पउम चरिउ, स्वयंभू छंद आदि।
पाणिनि अष्टाध्यायी
Get Free Access Now
Hot Links: teen patti master plus teen patti wala game online teen patti real money teen patti yes