Question
Download Solution PDFदिव्यांग विद्यार्थियों के समावेशन के लिए क्या ज़रूरी है?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFसमावेशी शिक्षा अनिवार्य रूप से शैक्षिक दर्शन को संदर्भित करती है कि दिव्यांग छात्रों को उनकी आयु के अन्य छात्रों के समान कक्षा के वातावरण में रखा जाना चाहिए जिन्हें विशेष आवश्यकता नहीं है।
- समावेशी शिक्षा अपने वास्तविक अर्थों में और कुछ नहीं बल्कि एक ऐसी शिक्षा प्रणाली बनाने की प्रक्रिया है जो सभी बच्चों की आवश्यकताओं को पूर्ण करती है।
Key Point
समावेशी शिक्षा के मुख्य उद्देश्य निम्न हैं-
- विभिन्न क्षमताओं, भिन्नताओं और अक्षमतों के सभी छात्रों के साथ समान व्यवहार किया जाता है।
- समावेशी शिक्षा सभी छात्रों के लिए बाधा मुक्त पहुंच प्रदान करती है।
- ऐसा वातावरण बनाना जिसमें बच्चा विविधता के साथ सीख सके, न कि अधिगम के लिए विशेष वातावरण तैयार कर सके।
- अध्यापन पर जोर देने की बजाय उनके अधिगम पर जोर दें।
- प्रत्येक छात्र की आवश्यकता के अनुसार विभिन्न शिक्षण विधियों का उपयोग करना, ताकि प्रत्येक बच्चे को ज्ञान प्राप्त हो सके।
- चुनौतीपूर्ण, पिछड़े, दिव्यांग बच्चों सहित सभी के लिए समान शिक्षा हो।
- अत: इन सबके द्वारा हम कह सकते हैं कि दिव्यांग विद्यार्थी के लिए कोई बाधा नहीं है। वे दूसरों के समान ही प्रवेश ले सकते हैं। अतः विकल्प (4) सही उत्तर है।
Additional Information
समावेशी शिक्षा के सिद्धांत:
- अच्छी तरह से बनाई गई शैक्षिक योजना।
- एक संसाधन के रूप में बहुभाषावाद का उपयोग।
- सभी के लिए समानता और समान अवसर।
- विशिष्ट शैक्षणिक रणनीतियों का उपयोग करना।
- व्यक्तिगत भिन्नताओं के प्रति संवेदनशीलता।
Last updated on Apr 30, 2025
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