समास MCQ Quiz - Objective Question with Answer for समास - Download Free PDF
Last updated on Jul 3, 2025
Latest समास MCQ Objective Questions
समास Question 1:
किस शब्द में करण तत्पुरुष समास है ?
Answer (Detailed Solution Below)
समास Question 1 Detailed Solution
सही उत्तर 'गुणयुक्त' है।
- 'गुणयुक्त' शब्द करण तत्पुरुष समास का उदाहरण है।
- समास विग्रह -गुण से युक्त।
- इसमें करण कारक की विभक्ति ‘से' का लोप हो रहा है।
Key Points
अन्य विकल्पों का समास विग्रह:
शब्द | समास विग्रह | समास |
पथभ्रष्ट | पथ से भ्रष्ट | अपादान तत्पुरुष |
जीवनदान | जीवन का दान | सम्बन्ध तत्पुरुष |
स्वर्गपतित | स्वर्ग से पतित | अपादान तत्पुरुष |
Additional Information
- समास - समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। जब दो या दो से अधिक शब्दों के योग से जो छोटा शब्द बने उसे समास कहते हैं।
- समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है।
- तत्पुरुष समास: वह समास, जिसका उत्तरपद या अंतिम पद प्रधान हो। अर्थात् प्रथम पद गौण हो और उत्तरपद की प्रधानता हो।
- जैसे–राजकुमार सख्त बीमार था। इस वाक्य में समस्तपद ‘राजकुमार’ जिसका विग्रह है–राजा का कुमार
- इस विग्रह पद में ‘राजा’ पहला पद और ‘कुमार’ (पुत्र) उत्तर पद है।
तत्पुरुष समास के भेद |
परिभाषा |
उदाहरण |
कर्म तत्पुरुष |
इसमें कर्म कारक की विभक्ति ‘को’ का लोप हो जाता है। |
माखनचोर - माखन को चुराने वाला |
करण तत्पुरुष |
इसमें करण कारक की विभक्ति ‘से’ का लोप हो जाता है। |
ईश्वर-प्रदत्त= ईश्वर से प्रदत्त |
संप्रदान तत्पुरुष |
इसमें संप्रदान कारक की विभक्ति ‘ के लिए‘ लुप्त हो जाती है। |
हथकड़ी – हाथ के लिए कड़ी |
अपादान तत्पुरुष |
इसमें अपादान कारक की विभक्ति ‘से पृथक' का लोप हो जाता है। |
मार्ग भ्र्ष्ट- मार्ग से भ्र्ष्ट |
सम्बन्ध तत्पुरुष |
इसमें दो पदों के बीच में सम्बन्ध कारक छिपा होता है। सम्बन्ध कारक के चिन्ह या विभक्ति ‘का’, ‘के’, ‘की’ होती हैं। |
जलधारा-जल की धारा |
अधिकरण तत्पुरुष |
इसमें अधिकरण कारक की विभक्ति ‘में, पर, पे’ का लोप हो जाता है। |
वनवास=वन में वास |
समास Question 2:
कृताकृत का समास है:
Answer (Detailed Solution Below)
समास Question 2 Detailed Solution
Solution - ‘कृताकृत’ में 'कर्मधारय तत्पुरुष' समास है। इसका समास विग्रह होगा - किया-बेकिया, अतः सही उत्तर विकल्प 4 ‘कर्मधारय’ है।
- 'कृताकृत' का समास विग्रह करने पर 'किया-बेकिया' होगा।
- इसमें कृत एवं अकृत विशेषण - विशेष्य संबंध होने के कारण 'कर्मधारय समास' है।
- 'कर्मधारय समास' में विग्रह पदों के मध्य उपमेय-उपमान अथवा विशेषण-विशेष्य संबध होता है।
Additional Information
समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं - |
||
समास का नाम |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष समास |
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो। |
धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत। |
बहुव्रीहि समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव। |
कर्मधारय समास |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव। |
द्विगु समास |
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक। |
अव्यययीभाव समास |
जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। |
प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक |
समास Question 3:
'नीलाम्बर' शब्द में कौन-सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
समास Question 3 Detailed Solution
- ‘नीलाम्बर’ में 'कर्मधारय' समास है। शेष विकल्प गलत हैं। अतः सही उत्तर विकल्प 4 ‘कर्मधारय’ है।
Key Points
- 'नीलाम्बर' का समास विग्रह- 'नीला है अम्बर जो' अथवा 'नीला अम्बर'।
- यहां नीला और अम्बर के बीच विशेषण - विशेष्य संबध है।
- कर्मधारय समास में पूर्वपद और उत्तर पद के बीच विशेषण - विशेष्य अथवा उपमेय- उपमान का संबंध होता है।
Additional Information
समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं - |
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समास का नाम |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष समास |
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो। |
धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत। |
बहुव्रीहि समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव। |
कर्मधारय समास |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव। |
द्विगु समास |
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक। |
समास Question 4:
'अनुरूप' में कौन-सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
समास Question 4 Detailed Solution
'अनुरूप' में समास है - अव्ययीभाव
Key Points
- 'अनुरूप' में अव्ययीभाव समास है। 'अनुरूप' शब्द का समास विग्रह - 'रूप के अनुसार'
- जहाँ प्रथम पद या पूर्व पद प्रधान हो तथा समस्त पद क्रिया विशेषण अव्यय हो, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।
- अव्ययीभाव समास के पहले पद में अनु, आ, प्रति, यथा, भर, हर आदि आते है।
- जैसे - निडर = बिना डर के, प्रतिदिन = दिन-दिन
Important Pointsसमास के कुल भेद-
- तत्पुरुष समास
- कर्मधारय समास
- द्विगु समास
- द्वन्द्व समास
- बहुव्रीहि समास
- अव्ययीभाव समास
Additional Information
समास | परिभाषा | उदाहरण |
कर्मधारय | जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, उसे कर्मधारय समास कहलाता है। पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में ‘रुपी’ , 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
कीर्तिलता = कीर्ति रुपी लता महादेव = महान है जो देव मुखारविंद = अरविन्द के सामान मुख |
तत्पुरुष |
समास का वह रूप जिसमें द्वितीय पद या उत्तर पद प्रधान हो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं। इस समास में आने वाले कारक चिन्हों को, से, के लिए, से, का/के/की, में, पर आदि का लोप होता है। |
भुखमरा = भूख से मरा गौशाला = गौओं के लिए शाला |
बहुव्रीहि | जिस समास में प्रथम पद एवं द्वितीय पद दोनों की प्रधानता न हो बल्कि कोई तीसरा पद की प्रधानता हो, उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं। |
त्रिलोचन - तीन आँखों वाला (शिव) चतुर्मुख - चार हैं मुख जिसके (ब्रह्म) |
समास Question 5:
निम्नलिखित में से अव्ययीभाव समास से सम्बंधित एक नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
समास Question 5 Detailed Solution
''कर्तव्यच्युत कर्तव्य से च्युत''अव्ययीभाव समास से सम्बंधित नहीं है l Key Points
- प्रतिदिन, यथासंभव, यथास्थान अव्ययीभाव समास के उदाहरण हैं l
- कर्तव्यच्युत अपादान तत्पुरुष समास का उदाहरण है तथा इसका समास विग्रह है:- कर्तव्य से च्युत जो हो चुका हो l
दिए गए अन्य विकल्पों का विश्लेषण:-
- यथासंभव- जहाँ तक संभव हो सके
- प्रतिदिन- प्रत्येक दिन जो हो
- यथास्थान- स्थान के अनुसार
Additional Information
- अव्ययीभाव समास - इस समास में पहला या पूर्वपद अव्यय होता है और उसका अर्थ प्रधान होता है। अव्यय के संयोग से समस्तपद भी अव्यय बन जाता है।
- जिन शब्दों पर लिंग, कारक, काल आदि से भी कोई प्रभाव न पड़े अर्थात जो अपरिवर्तित रहें, वे शब्द अव्यय कहलाते हैं।
- इसमें पूर्वपद प्रधान होता है।
- अव्ययीभाव समास के पहले पद में अनु, आ, प्रति, यथा, भर, हर आदि आते हैं।
- अव्ययीभाव समास के अन्य उदहारण -
- आजन्म: जन्म से लेकर
- यथामति : मति के अनुसार
- प्रतिदिन : दिन-दिन
Top समास MCQ Objective Questions
सेठ – साहूकार का सामासिक विग्रह निम्न में से कौन सा है?
Answer (Detailed Solution Below)
समास Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDF‘सेठ-साहूकार’ का सामासिक विग्रह करने पर सेठ और साहूकार होगा। ‘सेठ और साहूकार’ दोनों का नाम साथ में लिया जाता है इसीलिए विच्छेद करने पर इनके बीच में ‘और’ का प्रयोग किया गया है।इस आधार पर यह द्वंद्व समास का उदाहरण है। अतः सही विकल्प द्वंद्व समास है।
स्पष्टीकरण
द्वंद्व समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान हो तथा विग्रह करने पर उन के बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’ या ‘और’ का प्रयोग होता हो, उसे द्वंद्व समास कहते हैं। |
जैसे–अन्न और जल = अन्न-जल, अपना और पराया = अपना-पराया। |
राजभवन का विग्रह क्या होगा ?
Answer (Detailed Solution Below)
समास Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDF- राजभवन का विग्रह ‘राजा का भवन’ होगा।
- राजभवन शब्द में तत्पुरुष समास है।
Key Pointsतत्पुरुष समास :
- तत्पुरुष समास वह होता है, जिसमें उत्तरपद प्रधान होता है, अर्थात प्रथम पद गौण होता है एवं उत्तर पद की प्रधानता होती है व समास करते वक़्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है।
- इस समास में आने वाले कारक चिन्हों को, से, के लिए, से, का/के/की, में, पर आदि का लोप होता है।
उदाहरण :
- ग्रामवासी शब्द का विग्रह : ग्राम का निवासी।
- धर्मग्रंथ शब्द का विग्रह : धर्म का ग्रंथ।
- मांसाहारी शब्द का विग्रह : मांस को खाने वाला।
Additional Information
समास:- समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है।
समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है।
जैसे - युद्धभूमि - युद्ध के लिए भूमि।
- समास के छः प्रकार हैं।
- अव्ययीभाव समास
- सतत्पुरुष समास
- कर्मधारय समास
- द्विगु समास
- द्वन्द समास
- बहुव्रीहि समास
'प्रधानमंत्री' में कौन सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
समास Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFप्रधानमंत्री में कर्मधारय समास है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प कर्मधारय सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- प्रधानमंत्री में कर्मधारय समास है।
- कर्मधारय समास की परिभाषा
- वह समास जिसका पहला पद विशेषण एवं दूसरा पद विशेष्य होता है अथवा पूर्वपद एवं उत्तरपद में उपमान – उपमेय का सम्बन्ध माना जाता है कर्मधारय समास कहलाता है।
- इस समास का उत्तरपद प्रधान होता है एवं विगृह करते समय दोनों पदों के बीच में ‘के सामान’, ‘है जो’, ‘रुपी’ में से किसी एक शब्द का प्रयोग होता है।
- कर्मधारय समास के उदाहरण
- चरणकमल = कमल के समान चरण
- नीलगगन =नीला है जो गगन
- चन्द्रमुख = चन्द्र जैसा मु
- अधपका – आधा है जो पका
- द्विगु समास की परिभाषा
- वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है।
- जैसे:
- दोपहर : दो पहरों का समाहार
- शताब्दी : सौ सालों का समूह
- पंचतंत्र : पांच तंत्रों का समाहार
- सप्ताह : सात दिनों का समूह
- अव्ययीभाव समास की परिभाषा:-
- इस समास में पहला या पूर्वपद अव्यय होता है और उसका अर्थ प्रधान होता है। अव्यय के संयोग से समस्तपद भी अव्यय बन जाता है। इसमें पूर्वपद प्रधान होता है।
- अव्ययीभाव समास के पहले पद में अनु, आ, प्रति, यथा, भर, हर आदि आते है।
- अव्ययीभाव समास के उदाहरण
- आजन्म: जन्म से लेकर
- यथामति : मति के अनुसार
- प्रतिदिन : दिन-दिन
- तत्पुरुष समास :-
- वह समास, जिसका उत्तरपद या अंतिम पद प्रधान हो। अर्थात् प्रथम पद गौण हो और उत्तरपद की प्रधानता हो।
- जैसे–राजकुमार सख्त बीमार था। इस वाक्य में समस्तपद ‘राजकुमार’ जिसका विग्रह है–राजा का कुमार इस विग्रह पद में ‘राजा’ पहला पद और ‘कुमार’ (पुत्र) उत्तर पद है।
'थोड़ा-बहुत' में इनमें से कौन-सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
समास Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFसही विकल्प वैकल्पिक द्वंद्व है।
स्पष्टीकरण
- थोड़ा-बहुत = थोड़ा या बहुत
- इस शब्द में वैकल्पिक द्वंद्व समास होगा क्योंकि जब समस्त पद में दो विरोधी शब्दों का प्रयोग होता है और दोनों पदों के बीच या, अथवा में से किसी एक का लोप पाया जाए तो उसे वैकल्पिक द्वन्द्व समास कहते हैं।
- उदाहरण -
- पाप-पुण्य = पाप या पुण्य
- छोटा-बड़ा = छोटा या बड़ा
Key Pointsअन्य विकल्प -
समास | समास-विग्रह |
अव्ययीभाव | लापरवाह = परवाह के बिना |
समाहार द्वंद्व | फल-फूल = फल फूल आदि |
इतरेतर द्वंद्व | तन-मन = तन और मन |
Additional Information
- दो या दो से अधिक सार्थक शब्दों के परस्पर मेल को समास कहते है।
समास के छ: भेद हैं -
समास | समास-विग्रह उदाहरण |
द्वन्द्व समास | सुख-दुःख = सुख और दुःख |
द्विगु समास | सप्तदीप = सात दीपों का समूह |
तत्पुरुष समास |
गिरहकट = गिरह को काटने वाला राजा का कुमार = राजकुमार |
कर्मधारय समास | चन्द्रमुखी = चन्द्र के समान मुख वाली |
अव्ययीभाव समास | यथास्थान = स्थान के अनुसार |
बहुव्रीहि समास | गिरिधर = गिरि को धारण करने वाले अर्थात् श्रीकृष्ण |
'देशभक्ति' में समास है-
Answer (Detailed Solution Below)
समास Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDF‘देशभक्ति’ में 'तत्पुरुष' समास है। इसका सही समास विग्रह होगा - 'देश की भक्ति'। अतः सही उत्तर विकल्प 3 ‘तत्पुरुष’ है।
Key Points
- 'देशभक्ति' का समास विग्रह करने पर 'देश की भक्ति' होगा।
- इसमें 'की' चिह्न आने पर 'संबंध तत्पुरुष समास' है।
- 'संबंध तत्पुरुष समास' का परसर्ग 'का,के,की' होता है।
Additional Information
समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं - |
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समास का नाम |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष समास |
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो। |
धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत। |
बहुव्रीहि समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव। |
कर्मधारय समास |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव। |
द्विगु समास |
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक। |
अव्यययीभाव समास |
जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। |
प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक |
“इस मंदिर में लोग पीतांबर पहनकर पूजा करते है”। उपर्युक्त वाक्य में रेखांकित पद में कौन-सा समास है
Answer (Detailed Solution Below)
समास Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर कर्मधारय समास है।
Confusion Points
- यहाँ पर कर्मधारय क्यों होगा उसका सीधा सा उत्तर यह है कि वाक्य का सन्दर्भ मंदिर में कपड़े पहनने से सम्बंधित है।
- जिससे विशेषण - विशेष्य सम्बन्ध भाव स्थापित होने से कर्मधारय समास होगा, यहाँ अन्य पद की प्रधानता का प्रसंग नही है।
Key Points
- ‘पीताम्बर’ का सामासिक विग्रह ‘पीला है जो अम्बर’ होगा।
- ‘पीताम्बर’ का सामासिक विग्रह करने पर ‘पीला है जो अम्बर’ में 'है जो' शब्द आया है अर्थात विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आये तो वहाँ कर्मधारय समास होता है।
Additional Information
समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं - |
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समास |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष |
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो। |
धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत। |
बहुव्रीहि |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
जो महान वीर है = महावीर अर्थात् हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव। |
कर्मधारय |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव। |
द्विगु |
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक। |
अव्ययीभाव |
जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। |
प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक |
द्वंद्व |
द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है। |
माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न |
- ‘पीला है जो अम्बर’ - वस्त्र (पीताम्बर) - कर्मधारय
- ‘पीत है अम्बर’ जिसके - विष्णु और कृष्ण (पीताम्बर) बहुब्रीहि
द्वन्द्व समास किस शब्द में नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
समास Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर 'मंत्रि-परिषद्' है।
- दिए गए विकल्पों में से 'मंत्रि-परिषद्' द्वन्द्व समास का उदाहरण नहीं है।
- मंत्रिपरिषद में तत्पुरुष समास है।
- समास विग्रह - मंत्रियों की परिषद
- मंत्रिपरिषद उत्तरपद प्रधान है तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप रहा है।
- जिस समास के दोनों पद प्रधान होते हैं तथा विग्रह करने पर 'और', 'अथवा', 'या', 'एवं' लगता है, वह द्वंद्व समास कहलाता है।
Key Points
अन्य विकल्पों का विश्लेषण:
शब्द | समास विग्रह | समास |
हरिहर | हरि और हर | द्वन्द्व |
शीतोष्ण | शीत और उष्ण | द्वन्द्व |
गौरीशंकर | गौरी और शंकर | द्वन्द्व |
Additional Information
समास-समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं- |
||
समास का नाम |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष समास |
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो। |
धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत। |
बहुव्रीहि समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव। |
कर्मधारय समास |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव। |
द्विगु समास |
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक। |
अव्यययीभाव समास |
जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। |
प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक |
द्वंद्व समास |
द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है। |
माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न |
'निशाचर' शब्द में कौन सा समास है:
Answer (Detailed Solution Below)
समास Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर विकल्प 3 'बहुव्रीहि' होगा। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।
Key Points
- दिए गए विकल्पों में से 'निशाचर' शब्द 'बहुव्रीहि' समास का उदाहरण है।
- निशाचर अर्थात रात में विचरण करने वाला 'राक्षस'।
- जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं।
- अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।
अन्य विकल्प:
- कर्मधारय - पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य होता है अथवा इसके पूर्वपद और उत्तर पद में उपमान और उपमेय का संबंध होता है। जैसे - चरणकमल अर्थात कमल के समान चरण।
- अव्ययीभाव - जिसका पहला पद अव्यय होता है और उसका अर्थ प्रधान होता है। (उसमें कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता) जैसे यथाशक्ति अर्थात शक्ति के अनुसार।
- द्विगु - वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है। जैसे - चौराहा अर्थात चार राहों का समूह।
Additional Information
- 'संक्षिप्तिकरण' को समास कहते हैं।
- दूसरे शब्दों में समास संक्षेप करने की एक प्रक्रिया है।
- दो या दो से अधिक शब्दों का परस्पर सम्बन्ध बताने वाले शब्दों अथवा कारक चिह्नों का लोप होने पर उन दो अथवा दो से अधिक शब्दों के मेल से बने एक स्वतन्त्र शब्द को समास कहते हैं।
'चौमासा' शब्द में कौन-सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
समास Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFदिए गए विकल्पों में से ‘चौमासा’ में ‘द्विगु समास’ होगा। अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं। अत: विकल्प 4 ‘द्विगु समास’ इसका उचित उत्तर है।
Key Points
स्पष्टीकरण:
‘चौमासा’ अर्थात चार मासों का समाहार। इसमें पहला पद संख्यावाचक विशेषण है और चौमासा का समस्त पद चार मासों के समाहार का बोध करा रहा है, इसलिए यहाँ ‘द्विगु समास’ है।
द्विगु समास |
जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण और समस्तपद किसी समूह का बोध करता है। |
दोपहर- दो पहरों का समाहार |
Additional Information
अन्य विकल्प:
द्वंद्व समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान हों तथा विग्रह करने पर उनके बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’, ‘और’ का प्रयोग होता है । |
पाप-पुण्य- पाप और पुण्य |
तत्पुरुष समास |
जिस समास में प्रथम पद गौण और उत्तर पद की प्रधानता होती है और समास करते वक्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है। |
विद्यालय-विद्या का आलय राजदूत- राजा का दूत |
कर्मधारय समास |
पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य होता है अथवा इसके पूर्वपद और उत्तर पद में उपमान और उपमेय का संबंध होता है। |
नीलांबर- नील + अंबर |
समास |
परिभाषा |
उदाहरण |
बहुव्रीहि समास |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो। |
जैसे – कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव। |
विशेष (बहुव्रीहि समास) पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
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अव्ययीभाव समास |
जिस समास में पहला पद (पूर्वपद) अव्यय तथा प्रधान हो'। |
जैसे – जन्म से लेकर = आजन्म, मति के अनुसार = यथामति। |
विशेष (अव्ययीभाव समास) विशेष : जिन शब्दों पर लिंग, कारक, काल आदि शब्दों से भी कोई प्रभाव न हो जो अपरिवर्तित रहें वे शब्द अव्यय कहलाते हैं। अव्ययीभाव समास की पहचान के लक्षण:- अव्ययीभाव समास को पहचानने के लिए निम्नलिखित विधियाँ अपनायी जा सकती हैं। (i) यदि समस्तपद के आरंभ में भर, निर्, प्रति, यथा, बे, आ, ब, उप, यावत्, अधि, अनु आदि उपसर्ग/अव्यय हों। जैसे- यथाशक्ति, प्रत्येक, उपकूल, निर्विवाद अनुरूप, आजीवन आदि। (ii) यदि समस्तपद वाक्य में क्रियाविशेषण का काम करे। जैसे- उसने भरपेट (क्रियाविशेषण) खाया (क्रिया)। |
"नवरात्र" में कौन सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
समास Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर 'द्विगु समास' है।
- "नवरात्र" शब्द 'द्विगु समास' का उदाहरण है।
- नवरात्र शब्द का समास विग्रह है - नव रातों का समाहार।
- जिस समास में पूर्वपद संख्यावाचक हो, द्विगु समास कहलाता है।
अन्य विकल्प:
- बहुब्रीहि समास - जिस समास में दोनों पदों के माध्यम से एक विशेष (तीसरे) अर्थ का बोध होता है, बहुव्रीहि समास कहलाता है। उदाहरण - नीलकण्ठ = नीला कण्ठ है जिनका अर्थात् शिवजी।
- द्वन्द्व समास - जिस समास में पूर्वपद और उत्तरपद दोनों ही प्रधान हों अर्थात् अर्थ की दृष्टि से दोनों का स्वतन्त्र अस्तित्व हो और उनके मध्य संयोजक शब्द का लोप हो तो द्वन्द्व समास कहलाता है। जैसे - माता-पिता = माता और पिता
- कर्मधारय समास - जिस समास में पूर्वपद विशेषण और उत्तरपद विशेष्य हो, कर्मधारय समास कहलाता है। इसमें भी उत्तरपद प्रधान होता है। जैसे - कालीमिर्च = काली है जो मिर्च।
Additional Information
- दो या दो से अधिक शब्दों का परस्पर सम्बन्ध बताने वाले शब्दों अथवा कारक चिह्नों का लोप होने पर उन दो अथवा दो से अधिक शब्दों के मेल से बने एक स्वतन्त्र शब्द को समास कहते हैं।
- उदाहरण ‘दया का सागर’ का सामासिक शब्द बनता है ‘दयासागर’।